जबलपुर से (संतोष जैन की रिपोर्ट ) - बिजली कंपनियों में लाइन लास के लगातार बढ़ते आंकड़ों ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की भी नींद उड़ा दी है लाइन लास का आंकड़ा 35 से 40 फ़ीसदी तक पहुंचने पर अब तीनों बिजली कंपनियों ने बिजली चोरी रोकने के साथ ही टीएडडी ट्रांसमिशन एंड डिसटीब्यूशन लॉस कम करने का नया तरीका अपनाने का निर्णय लिया है इस नए सिस्टम के तहत शहर व गांव के उन क्षेत्रों का रिकॉर्ड अलग से दर्ज किया जाएगा जहां बिजली चोरी होती है यह सिस्टम मार्च से प्रभावी किया जाएगा जानकारों का कहना है कि जहां बिजली चोरी होती है वहां कंपनी औसत बिल भेजेगी जो खपत के अनुमान पर आधारित होगा इस बिल को भी अगर उपभोक्ता जमा नहीं करता है तो उसका विद्युत कनेक्शन काट दिया जाएगा इसके अलावा जिन उपभोक्ताओं द्वारा नियमित बिल जमा किया जा रहा है उनकी अलग से सूची बनेगी
इन तरीकों से होती है बिजली चोरी
मीटर शटकर लाइन बाईपास करके
मीटर के पीछे स्विच लगाकर
लाइन पर डायरेक्ट तार फसाकर