जबलपुर से (संतोष जैन) - कई बार मजबूरी के चलते मां एवं परिवार के लोग नवजात शिशु को लावारिस अवस्था में छोड जाते हैं तो कोई कचरे के ढेर से फिर झाड़ियों में फेंक कर चला जाता है ऐसे में कई बार बच्चे गंभीर अवस्था में मिलते हैं जिन्हें बचाना मुश्किल होता है ऐसे बच्चों को पालना घर में छोड़ा जा सकता है ताकि उनकी जान बच सके और उन्हें नया जीवन मिल सके महिला बाल विकास के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए पालने लगाए गए हैं लोग अगर नवजात शिशु को छोड़ना ही चाहते हैं तो पालना महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत संस्थाओं में पालना की स्थापना की गई है यदि कोई व्यक्ति पालना तक पहुंचाने में असमर्थ है तो चाइल्ड लाइन के नंबर 1098 पर फोन कर सकता है केंद्र में बच्चों को छोड़ने वाले की पहचान नहीं की जाती है

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मजबूरी है तब भी नवजात को कहीं भी ना छोड़े पालना घर में देकर दे नया जीवन महिला बाल विकास ने कहा कि चाइल्ड लाइन के नंबर पर भी दे सकते हैं सूचना
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